आगामी वर्षों में मारुति सुजुकी छह इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करने की तैयारी में है. कम्पनी 2025 में मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार के साथ मार्केट में उतरेगी. कम्पनी दशक के अंत तक छह अलग-अलग ईवी का एक पोर्टफोलियो बनाने की योजना पर काम कर रही है. मारुति सुजुकी 2030 तक अपनी बिक्री का लगभग 20 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारों से हासिल करेगी.
मारुति सुजुकी ईवीएक्स
मारुति सुजुकी की 2030 तक छह अलग-अलग इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करने की योजना है. कम्पनी के अध्यक्ष आरसी भार्गव का कहना है कि मारुति सुजुकी अपनी सबसे पहले लोकप्रिय हैचबैक गाड़ी वैगनआर को इलेक्ट्रिक कार में बदल रही है. लेकिन इसकी लागत अधिक आ रही थी कि बाजार में अन्य इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले ये टिक नहीं पाती. इस कार का मॉडल ऐसा नहीं है जिसे इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जा सके. वैसे भी ये कार अभी भी ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इस दशक के अंत में जब मारुति सुजुकी ईवी बाजार में प्रवेश करेगी, तब तक भारतीय बाजार में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन बिकने लगेंगी.
बता दें कि कम्पनी ने आटो एक्सपो में eVX कॉन्सेप्ट का प्रदर्शन किया था. ये एक कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवी का मॉडल था. मारुति सुजुकी का दावा है कि लॉन्च के बाद यह इलेक्ट्रिक एसयूवी एक बार चार्ज करने पर 550 किमी तक की रेंज देगी. कॉन्सेप्ट ईवी इस साल फरवरी में प्रदर्शित की गई थी. इस कार की लंबाई 4,300 मिमी, चौड़ाई 1,800 मिमी और ऊंचाई 1,600 मिमी थी। इस ईवी कॉन्सेप्ट का उत्पादन संस्करण 2025 में शुरू होगा.
मारुति सुजुकी अध्यक्ष ने कहा कि यह एक बढ़ता हुआ कार बाजार है. उन्होंने कहा कि यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कार बाजार होने जा रहा है. उनका कहना है कि कम्पनी को सर्वोत्तम तकनीक, सर्वोत्तम उत्पाद, अपने उत्पादों में सबसे बड़ी विश्वसनीयता और सर्वोत्तम बिक्री के बाद सेवा के लिए काम करना होगा. पिछले चालीस वर्षों से मारुति यही करने की कोशिश कर रही है.
उल्लेखनीय है कि जापानी आटोमेकर भारत का सबसे बड़ा कार निर्माता है और इसकी बनाई हुई कारें भारत के लगभग हर घर में पसंद की जाती है. आज भी इसकी बनाई कारों की बिक्री का बाजार भारत का सबसे बड़ा बाजार है और अन्य कम्पनियां इसके आगे अभी भी टिक नहीं पाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो मारुति सुजुकी ही भारत के मध्य वर्ग की कारों की हसरत को पूरा कर पाई है अन्यथा इससे पहले कार खरीदना भारत के लोगों के लिए किसी स्वप्न जैसा था.