कोरोना काल के बाद से भारत का हर दूसरा युवा शेयर बाजार से कमाई करके करोड़पति बनने की फिराक में है लेकिन वह अपने लालच पर काबू नहीं कर पाने की वजह से ठगी का शिकार होकर अपनी धनराशि को गंवा बैठता है. जबकि वह मामूली सावधानी रखे तो वह ठगी से बचने के साथ ही मोटी कमाई कर सकता है. इसके लिए उसे राकेट साइंस का अध्ययन नहीं बल्कि ये सावधानियां बरतनी होती हैं.
यहां हम आपको बता रहे हैं कि नए निवेशकों को ऐसा क्या करना होता है जिससे वह ठगों के चंगुल से बचने के साथ ही बेहतरीन कमाई कर सके.
नए निवेशकों को करने होंगे ये उपाय
1. केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें – जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें। यह नियामक कार्रवाई के लिए सहारा देता है.
2. फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें. ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके निवेश पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन देने के लिए आथराइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए भी आथराइज्ड नहीं है. ध्यान रखें कि किसी भी व्यवस्था / सांकेतिक रिटर्न के समझौते के तहत ब्रोकर को दिए गए फंड या सिक्युरिटीज़ के दावे ब्रोकर की चूक के आधार पर एक्सचेंज स्वीकार नहीं करता है.
3. कृपया अपने ‘केवाईसी’ (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने ‘केवाईसी’ पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें. उन सभी शर्तों की जांच करें जिनकी आपने सहमति और स्वीकृति दी है.
4. सुनिश्चित करें कि स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटेक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर. ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा. यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए.
5. इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो.
6. आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें. अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें. यदि कोई गड़बड़ी हो तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें.
7. अपने अकाउंट के सेटलमेंट की फ्रिक्वेन्सी की जांच करें. यदि आपने रनिंग अकाउंट का ऑप्शन चुना है तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है. ध्यान दें कि ब्रोकर के डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सेप्ट नहीं किए जाएंगे.
8. डिपॉजिटरी से प्राप्त अकाउंट की जानकारी (कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट-सी ये एस) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें.
9. कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो. कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों.
10. एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं.
11. ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया होने पर उन खातों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो.
12. ब्रोकर्स को सिक्यूरिटी के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है. मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्यूरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं. ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के आथरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है. ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है.
13. भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं.
14. पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें. सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएं. ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है.
15. ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्यूरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें.
16. किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें. ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है.
17. कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी आथराइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें.
इन 17 उपायों को करने के बाद आप ठगी का शिकार नहीं होंगे और आप लगातार धन कमाते रहेंगे.