दुनिया भर में भारत का सिर ऊंचा करने वाले इसरो बजट की कमी से जूझ रहा है. ये जानकारी इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने 50वें नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन के माध्यम से आयोजित All India Management Association (AIMA) के कार्यक्रम में दी. सोमनाथ का कहना है कि बजट की समस्या से निपटने के लिए इसरो अब निजी भागीदारों के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल करने की कोशिश कर रहा है. सोमनाथ के अनुसार भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभी 500 उपग्रहों की आवश्यकता है लेकिन सिर्फ 53 उपग्रह ही अब तक लॉन्च हो पाए हैं. जबकि संचार से लेकर रक्षा सम्बंधी कामकाज अब उपग्रहों के बिना सम्भव ही नहीं है.
ISRO चाहता है कि भारत अंतरिक्ष सेवाओं और विनिर्माण के लिए एक पसंदीदा स्थान बने लेकिन उसकी पूर्ति के लिए भारी बजट की आवश्यकता है और वह उसे मिल नहीं पा रहा है. जबकि ISRO उपग्रह और रॉकेट इंजन बनाने में दुनिया का अग्रणी संस्थान है.
ISRO चेयरमैन ने कहा कि SLV और SSLV रॉकेट अब सार्वजनिक-निजी भागीदारी में बनाए जाने चाहिए.
ISRO नेविगेशन सिस्टम को iPhone 15 में शामिल नहीं करने पर सोमनाथ ने कहा कि इसके लिए ISRO को बैंड्स में बदलाव करना होता क्योंकि iPhones के लिए L1 बैंड जरूरी है. वैसे इसरो का लक्ष्य भारत में नेविगेशन के लिए GPS से बेहतर सिस्टम तैयार करना है.
वर्तमान में ISRO ने 32 OneWeb उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के साथ ही SSLV का उपयोग करके सिंगापुर के दो वाणिज्यिक मिशन भी प्रक्षेपित किए हैं. इसरो चेयरमैन का कहना है कि गगनयान मिशन के तहत भारत चंद्रमा पर एक भारतीय को भेजकर वापस लाने की इंजीनियरिंग की चुनौती को पूरा करने के लिए भारत को ही प्रयास करने होंगे क्योंकि उसे किसी अन्य देश की मदद नहीं मिल रही है.