नई दिल्ली. यूनानी चिकित्सकों को हीन भावना का शिकार नहीं होना चाहिए. यूनानी पैथी विश्व की सबसे पुरानी पैथी है. इस पैथी में इंसान को स्वस्थ रखने के नुस्खों के साथ ही तमाम रोगों की चिकित्सा भी उपलब्ध है. एलोपैथी का डेढ़ सौ साल का इतिहास है. एलोपैथी ने यूनानी पैथी से बहुत कुछ सीखा और अपनाया है. अब वक्त यूनानी को एलोपैथी से सीखने का है. यूनानी हकीमों को भी आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का ज्ञान लेकर रोगों की चिकित्सा करनी चाहिए.
यूनानी हकीमों को सर्जरी की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.यूनानी तिब्बी कांग्रेस को भी अपोलो जैसा यूनानी अस्पताल खोलना चाहिए. उस अस्पताल में मरीजों को हर तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.उन्होंने यूनानी चिकित्सकों का आह्वान किया कि उन्हें अब झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्तियों के अलावा पॉश इलाकों में भी क्लीनिक खोलना चाहिए. ताकि अमीर रोगी भी इस पैथी का लाभ ले सकें.
ये विचार ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस दिल्ली प्रदेश की ओर से दरियागंज स्थित जायका रेस्टोरेंट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर आरिफ जैदी ने व्यक्त किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने की.
कार्यक्रम में डॉ सैयद अहमद खान ने कहा कि आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस केंद्र और राज्य सरकारों से यूनानी चिकित्सा पद्धति को आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं की जानकारी देती रही है. डा. सैयद अहमद खान ने कहा कि यूनानी का भविष्य उज्जवल है. हमें अपने बच्चों को इस चिकित्सा पद्धति की तरफ लाने की जरूरत है.
डा. खान ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आयुष विभाग में उपनिदेशक यूनानी का पद वर्षों से खाली पड़ा है जिसे यथाशीघ्र भरे जाने की जरूरत है. इससे दिल्ली प्रदेश में यूनानी चिकित्सा पद्धति उन्नति की तरफ बढ़ सकेगी. कार्यक्रम में दिल्ली तिहाड़ जेल के सीएमओ यूनानी डॉ हबीबुल्लाह और सीआरआरयूएम के पूर्व उपनिदेशक डॉ जकीउददीन ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम में हकीम मुर्तजा देहलवी, हकीम आफताब आलम, डॉ मोहम्मद नसीम, डॉ अतहर महमूद, डॉ मिर्जा आसिफ़ बेग आदि ने भी हिस्सा लिया.
संचालन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ शकील अहमद ने किया. कार्यक्रम में डॉ फहीम मलिक को दिल्ली का प्रदेश महासचिव बनाने की घोषणा की गई. महासचिव रह चुके डॉ अल्ताफ़ अहमद को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा भी की गई. कार्यक्रम का आयोजन ड्र्ग्स लेबोटरीज के सहयोग से किया गया.