नई दिल्ली. क्या आज के आधुनिक युग में कोई व्यक्ति नौ दिन ऐसे कमरे में गुजार सकता है, जहां मोबाइल फोन नहीं हो. मिलेनियल युवाओ का जवाब होगा नहीं, नहीं, नहीं लेकिन हाल ही नई दिल्ली में ऐसा हुआ है जब भारत के सीनियर आईएएस ने नौ दिन तक बिना फोन वाले कमरे में रहकर भारत को जीत दिलाई. अब आप सवाल करेंगे कि ऐसा कौन सा अफसर है जिसने बिना मोबाइल फोन के नौ दिन गुजार लिए.
इस अफसर का नाम है अमिताभ कांत और उन्होंने ये नौ दिन भारत के जी20 शेरपा के रूप में यूकेन युद्ध पर आम सहमति बनाने के लिए दुनिया के चोटी के कूटनीतिज्ञों के बीच गुजारे. नौ दिन बाद जब वे बाहर आए तो दुनिया इस बात पर चकित हो रही थी कि भारत ने यूक्रेन युद्ध पर रूस को नाराज किए बिना पश्चिमी देशों को इस बात के लिए मना लिया कि वह युद्ध की निंदा करे, आक्रमणकारी की नहीं.
अमिताभ कांत ने ये संस्मरण नई दिल्ली में स्वर्ण जयंती राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन में मैनेजिंग इंडिया पुरस्कार समारोह में व्यक्त किए. इससे पहले उन्होंने मारुति सुजुकी इंडिया चेयरमैन आर सी भार्गव को लाइफटाइम कंट्रीब्यूशन अवार्ड, इंडिया टुडे ग्रुप के संस्थापक प्रकाशक और प्रधान संपादक अरुण पुरी को मीडिया में लाइफटाइम कंट्रीब्यूशन अवार्ड, रोहिणी नीलेकणि फिलैंथ्रोपीज़ की अध्यक्ष सुश्री रोहिणी नीलेकणि को कॉर्पोरेट नागरिक पुरस्कार प्रदान किया.
भारत के जी20 शेरपा ने कहा कि पीएम चाहते थे कि इस अवसर का उपयोग उन जिलों और शहरों को डवलप करने में किया जाए जहां 220वीं जी20 बैठकें होनी थीं. जी20 में वैश्विक दक्षिण के एजेंडे के बारे में बात करते हुए कांत ने कहा कि पीएम चाहते थे कि भारत वैश्विक दक्षिण को पहले स्थान पर रखे क्योंकि इस साल वैश्विक वृद्धि का 80% हिस्सा दक्षिण से आया.
कांत ने कहा कि भारत बहुपक्षीय संस्थानों को नया स्वरूप देने, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन, जलवायु वित्त, हरित विकास, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और अफ्रीका को शामिल करने सहित हर मुद्दे पर आम सहमति हासिल करने में कामयाब रहा. उन्होंने बताया कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान 112 नतीजे हासिल किए, जबकि पिछले राष्ट्रपति इंडोनेशिया ने 50 नतीजे हासिल किए थे.
133 देशों में तेज़ भुगतान प्रणालियों का अभाव
कांत ने कहा कि सम्मेलन में भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा फोकस में था, क्योंकि 133 देशों में तेज़ भुगतान प्रणालियों का अभाव है. डीपीआई मॉडल को प्रचारित करके अमेरिका और चीन के बड़े तकनीकी मॉडल के विपरीत खुला और इंटरऑपरेबल होने से ये अधिकांश देशों को पसंद आया.
पुरस्कार समारोह का उद्घाटन करते हुए, एआईएमए अध्यक्ष श्रीनिवास डेम्पो ने 50वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन के फोकस की ओर ध्यान आकर्षित किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत को अपनी सोच और कार्रवाई को अगले स्तर तक बढ़ाने की जरूरत है. “नए भारत को एक नए सपने की ज़रूरत है. हर भारतीय के लिए उच्च जीवन स्तर वाला देश बनने का सपना, एक विकसित देश होने का सपना जो दुनिया को अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र, शासन, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के नए मॉडल पेश करता है.