सामने आया मध्यप्रदेश में कूनो राष्ट्रीय पार्क के चीते उदय और साशा की मौत का असली कारण 

दस में से 9 शिकार हाथ से निकल जाने के कारण तनाव में आ गए थे कूनो राष्ट्रीय पार्क के चीते उदय और साशा

भारत की चीता पुनर्स्स्थापना परियोजना के तहत अफ्रीकी जंगलों से लाए गए हैं उदय और साशा समेत 20 चीते

शेर और बाघ से लगभग दोगुना होता है धरती के सबसे तेज दौड़ने वाले वन्य प्राणी चीते का इलाका

सौ वर्ग किलोमीटर तक में फैला होता है एक चीते का इलाका. जबकि शेर और बाघ के इलाके की हद 50 वर्ग किलोमीटर तक ही होती है

सांभर को छोड़कर हिरण की सभी प्रजातियों का शिकार करता है चीता

चीतों के तनाव में आने की स्वीकारोक्ति मध्यप्रदेश के वन्य प्राणी अधिकारियों ने केन्द्र को भेजे मांगपत्र में परोक्ष रूप से की है

मांग पत्र में कहा है कि 2022 सितम्बर में नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों के रखरखाव की व्यवस्था अधूरी है. एक चीते की निगरानी के लिए 9 कर्मचारी चाहिए लेकिन कूनों में ये अनुपात पूरा नहीं है

कूनो के कोर और बफर का कुल क्षेत्रफल सिर्फ 1235 वर्ग किलोमीटर है. इससे कूनो में चरने वाले जानवरों की संख्या भी कम है. इसके चलते चीते की शिकार दर असफलता बढ़ गई और वे तनाव में आ गए.

शिकार में असफलता और अनजान जंगल से उपजी एंग्जाइटी ने तनाव को बढ़ा दिया जिससे उदय और साशा की मौत हो गई