करना चाहते हैं थ्रिल का अनुभव तो जान लें इंडियन रेलवे के ये हैरतअंगेज आंकड़े, एक दिन में ढोती है 50 देशों के बराबर यात्री

इंडियन रेलवे का फेयरी क्वीन इंजन 1855 में पटरियों पर पहली बार दौड़ा था. 168 साल बाद अब ये पर्यटक यात्री रेल खींचता है.

75 घंटे तक लौह मार्ग पर दौड़ने के बाद विवेक एक्सप्रेस आसाम के डिब्रूगढ़ से तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक पहुंचती है. इसका सफर 4150 किलोमीटर का होता है.

नई दिल्ली, हावड़ा, चेन्नई सेंट्रल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के अलावा पटना जंक्शन रेलवे सबसे अधिक कमाने वाले रेलवे स्टेशन हैं.

हावड़ा देश का ऐसा स्टेशन है, जहां 24 घंटे में 10 लाख यात्री चढ़ते—उतरते हैं.

भारत में 8300 स्टेशन हैं और इब नदी के पास स्थित ओडिशा का इब रेलवे स्टेशन सबसे छोटे नाम वाला है.

वेंकटनारसिम्हाराजुवरिपेटा नामक रेलवे स्टेशन भारतीय रेल नेटवर्क के सबसे क्लिष्ट नाम वाले स्टेशनों में से एक है.

इंडियन रेलवे प्रतिदिन 2030 मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेन के साथ ही कुल 12 हजार 167 यात्री ट्रेन रोजाना चलाती है.

1856 में चेन्नई का रोयापुरम स्टेशन बनाया गया था. ये स्टेशन चेन्नई में आज भी मौजूद है.

मेल—एक्सप्रेस यात्री ट्रेन 60 करोड़ रुपए में तैयार होती है. वंदे भारत 100 करोड़ में बनती है.