सुभाष राज
नई दिल्ली. दिबांग नदी पर प्रस्तावित 3,097 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली परियोजना के लिए 2.70 लाख पेड़ों की कटाई होगी। इस इलाके में पक्षियों की करीब सात सौ प्रजातियां रहती हैं। ये भारत की कुल पक्षी प्रजातियों की लगभग आधी संख्या है। अगर पेड़ों की कटाई होगी तो वे नष्ट होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। दिबांग घाटी में पहले से ही दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित हैं। इस परियोजना से पारिस्थितिकी और पर्यावरण संबंधी खतरे तो हैं। इधर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ के कई पूर्व सदस्यों और वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ताओं ने सलाह दी है कि सरकार को जैविक विविधता से भरपूर इलाके में पनबिजली परियोजना से बचना चाहिए।
बता दें कि पूर्वोत्तर में बांधों के खिलाफ आंदोलन का लंबा इतिहास है। वर्ष 1950 में भूकंप से असम की तबाही और ब्रह्मपुत्र के रास्ता बदलने के बाद बांधों की जरूरत महसूस की गई थी। लेकिन दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना और लोअर सुबनसिरी मेगा बांध परियोजना का अरुणाचल व असम के सीमावर्ती इलाकों में विरोध हो रहा है।
दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना के लिए लाखों पेड़ों को काटने की तैयारी है। कम से कम 39 गांवों को दूसरी जगह बसाया जाएगा। 1,165 हेक्टेयर जंगल साफ किए जाएंगे। जबकि ये क्षेत्र इदु मिश्मी प्रजाति का घर और जैव विविधता से भरपूर है। वर्ष 2008 में परियोजना का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इदु मिश्मी प्रजाति के भारी विरोध से नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (एनएचपीसी) इसके निर्माण को आगे नहीं बढ़ा सका। वर्ष 2018 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने परियोजना को मंजूरी दे दी।
बांध विरोधी आंदोलनकारी इदु मिश्मी समुदाय संगठन ‘दिबांग मल्टीपरपज प्रोजेक्ट डैम अफेक्टेड एरिया कमिटी’ अध्यक्ष नोगोरो मेलो का कहना है कि सरकार मामूली मुआवजा देकर चार हजार हेक्टेयर जमीन छीनना चाहती है। सरकार को लगभग 16 सौ करोड़ का मुआवजा देना है। लेकिन एनएचपीसी ने यह कह कर इसे अदालत में चुनौती दी है कि यह जमीन आदिवासियों की नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव से पहले अरुणाचल प्रदेश सरकार ने परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज का ऐलान किया था। लेकिन चुनाव के बाद एनएचपीसी ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दे दी। इस बीच पर्यावरण और संरक्षण कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अरुणाचल की इटालीन परियोजना को दी गई मंजूरी खत्म करने की अपील की है।