दारा की कब्र ढूंढने के लिए बनाई इतिहासकारों और पुरातत्व विशेषज्ञों की कमेटी
नई दिल्ली. मुस्लिम विरोध पर टिकी भाजपा की राजनीति में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। मोदी सरकार मुगल बादशाह शाहजहां के सबसे बड़े पुत्र दारा शिकोह की कब्र ढूंढ कर उसे मुसलमानों के लिए आदर्श चरित्र के रूप में पेश करने की फिराक में है। इससे एक ओर उस पर लगे मुस्लिम विरोध के ठप्पे को हटाया जा सकेगा, दूसरी ओर मुसलमानों को एक नया प्रतीक उपलब्ध हो सकेगा। इसी के चलते मोदी सरकार इन दिनों दारा शिकोह की कब्र की तलाश बड़ी शिद्दत से कर रही है। दारा को सगे भाई औरंगजेब ने सिंहासन के लिए कत्ल कर दिया था। इतिहासकारों के अनुसार दारा शिकोह को दिल्ली में हुमायूं के मक़बरे में कहीं दफ़न किया गया था।
मोदी सरकार ने दारा की क़ब्र पहचानने के लिए पुरातत्वविदों की एक कमेटी बनाई है जो साहित्य, कला और वास्तुकला के आधार पर उनकी क़ब्र की पहचान करने की कोशिश कर रही है। दारा शिकोह शाहजहाँ के सबसे बड़े पुत्र थे।
शाहजहाँ के शाही इतिहासकार मोहम्मद सालेह कम्बोह लाहौरी की पुस्तक ’शाहजहां नामा’ में लिखा है कि जब शहज़ादे दारा शिकोह को गिरफ़्तार करके दिल्ली लाया गया, तब उनके शरीर पर मैले कुचैले कपड़े थे। उन्हें बहुत ही बुरी हालत में हाथी पर सवार करके खिज्राबाद ले जाकर एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में रखा गया था। बाद में कुछ जल्लादों ने गले पर ख़ंजर चलाकर उनकी हत्या कर दी। उनके शरीर को हुमायूं के मक़बरे में दफन कर दिया गया।
एक अन्य इतिहासकार ने लिखा है कि दारा को हुमायूं के मक़बरे में उस गुंबद के नीचे दफ़नाया गया था जहाँ बादशाह अकबर के बेटे दानियाल और मुराद दफ़्न हैं। मकबरे के उत्तर-पश्चिम कक्ष में स्थित तीन क़ब्रें पुरुषों की हैं और उनमें से जो कब्र दारा शिकोह की है। सरकार ने दारा की कब्र ढूंढने के लिए पुरातत्वविदों की टीम में पुरातत्व विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर सैयद जमाल हसन को शामिल किया है।
दारा अपने समय के प्रमुख हिन्दुओं, बौद्धों, जैनियों, ईसाईयों और मुस्लिम सूफ़ियों के साथ उनके धार्मिक विचारों पर चर्चा करते थे। वे सभी धर्मों को समानता की नज़र से देखते थे। उन्होंने बनारस के पण्डितों से हिन्दू धर्म के ’उपनिषदों’ का फ़ारसी भाषा में अनुवाद कराया था। उपनिषदों का यह फ़ारसी अनुवाद यूरोप में लैटिन भाषा बदला गया और उसी के बाद उपनिषद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हुए।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार दारा शिकोह को एक आदर्श, उदार मुस्लिम चरित्र मानती है और वो दारा को मुसलमानों के लिए आदर्श बनाना चाहती है। माना जा रहा है कि कब्र का पता चलने के बाद वहां धार्मिक सद्भाव का कोई वार्षिक उत्सव या कोई कार्यक्रम शुरू किया जाए।