कोरोना से डरे इंसानों की काली करतूत
नई दिल्ली. अपनी जान बचाने के लिए दुष्ट इंसान फर और फैशन सामग्री बनाने के लिए कई करोड़ पालतू उदबिलावों को कुचलकर मौत के घाट उतारेगा। ये सामूहिक कत्लेआम कोरोना वायरस से उपजे डर की वजह से किया जा रहा है।
अन्तरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक आयरलैंड प्रशासन देश के फार्मों में पल रहे उदबिलाव की खास प्रजाति मिंकों को कुचलकर मारने की तैयारी में है। आयरलैंड कृषि मंत्रालय के मुताबिक डेनमार्क के मिंक फार्म में कोविड-19 के वायरस के म्यूटेशन की आशंका को देखते हुए ये किया जा रहा है।
हालांकि टेस्टों में किसी मिंक फार्म में वायरस के सबूत नहीं मिले हैं। आयरिश मीडिया के मुताबिक देश के तीन बड़े मिंक फार्मों में ही करीब एक लाख मिंक हैं।
इसलिए दी जा रही है मौत?
कुछ दिन पूर्व डेनमार्क के एक मिंक फार्म में काम करने वाला एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जांच करने पर उसमें अलग किस्म का वायरस मिला। इससे यह आशंका बढ़ गई कि वायरस मिंक में म्यूटेट कर चुका है। इस बीच स्वीडन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया कि मिंक इंडस्ट्री में काम करने वाले कई लोग पॉजिटिव पाए गए। प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि क्या मिंक में मिला कोरोना वायरस का स्ट्रेन ही इंसानों में भी मिला है?
डेनमार्क में मारे जाएंगे डेढ़ करोड़ से अधिक
खबरों के अनुसार डेनमार्क में डेढ़ करोड़ से ज्यादा मिंक मारने की योजना है। यद्यपि इसका डेनमार्क में विरोध भी हो रहा है। मिंको को मारने का आदेश देने वाले कृषि मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा है। 58 लाख की जनसंख्या वाले डेनमार्क में इंसानों से तीन गुना ज्यादा मिंक पाले जाते हैं। डेनमार्क दुनिया में मिंक का सबसे बड़ा निर्यातक है।
अमेरिका, इटली के मिंक में भी वायरस
डेनमार्क, स्वीडन और आयरलैंड से आ रही जानकारी ने अमेरिका, इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन के मिंक पालकों को परेशान कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमेरिका, इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन के मिंकों में भी कोरोना वायरस मिला है।
मिंक उदबिलाव प्रजाति का ही एक जीव है। जमीन और पानी में रहने वाले मिंक उदबिलाव से थोड़े छोटे होते हैं। मूल रूप से मिंक उत्तरी अमेरिका और यूरोप में पाई जाने वाले प्रजाति है। फर के लिए अमेरिकन मिंक की लंबे समय के फार्मिंग हो रही है। हर साल लाखों मिंक फर के लिए मारे जाते हैं।