नई दिल्ली. अगर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट पर भरोसा करें तो भारत दस महानगरों में इतनी आबादी है जितनी दुनिया के दर्जन भर देशों में रहती है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत की राजधानी दिल्ली की अनुमानित आबादी 2.64 करोड़ है। जनसंख्या के लिहाज से दिल्ली के बराबर लोग अफ्रीकी देश मैडागास्कर (2.62 करोड़) और उत्तर कोरिया में (2.55 करोड़) रहते हैं। इसी तरह गुलाबी शहर जयपुर की आबादी 35.49 लाख के बराबर आबादी इरिट्रिया (34.52 लाख), उरुग्वे (34.49 लाख) और बोस्निया-हर्जेगोवनिया (33.23 लाख) में रहती है।
सपनों के शहर मुंबई की अनुमानित जनसंख्या 2.13 करोड़ है। ये जनसंख्या श्रीलंका (2.12 करोड़) और नाइजर (2.24 करोड़) के बराबर है। पूर्वी भारत के सबसे बड़े शहर कोलकाता की आबादी 1.49 करोड़ के बराबर लोग अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे की है जहां 1.44 करोड़ रहते हैं।
भारत के अहम शहरों में जगह बना चुके पुणे की अनुमानित आबादी 58.82 लाख है। इतनी जनसंख्या सिंगापुर (57.57 लाख) और डेनमार्क (57.52 लाख) में है। हीरों के शहर सूरत की 59.02 लाख की आबादी तुर्कमेनिस्तान (58.50 लाख) से ज्यादा है। अहमदाबाद की 75.71 लाख की आबादी के बराबर सिएरा लियोन (76.50 लाख) और चीन के स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग (73.71 लाख) की आबादी है।
बिरयानी के लिए मशहूर हैदराबाद में रहने वाले 92.1 लाख लोगों के बराबर इंसान बेलारूस (94.5 लाख) और ताजिकिस्तान (91 लाख) में रहते हैं। इसी तरह चेन्नई की 1.01 करोड़ की आबादी के बराबर लोग जॉर्डन (99.6 लाख) और अजरबैजान (99.4 लाख) में रहते हैं। भारत की सिलिकॉन वैली बैंगलूरू 1.04 करोड़ लोगों के साथ ग्रीस (1.05 करोड़) और पुर्तगाल (1.02 करोड़) की बराबरी पर है।