उन्हें देखकर भाग खड़े होते हैं खूंखार शेर
नई दिल्ली. क्या आप भरोसा करेंगे कि दिखने में पिद्दी होने के बावजूद वे जंगल के सबसे कामयाब शिकारी हैं और कई बार जंगल के राजा को भी चीर-फाड़कर खा जाते हैं। शिकार के लिए उनके हमले 60 फीसदी तक सफल होते हैं, जबकि शेर का औसत तीस प्रतिशत है।
ये खूंखार शिकारी है अफ्रीकी जंगली कुत्ते। अफ्रीकी जंगली कुत्ते शेर और लकड़बग्घों से अलग होते हैं। वे शिकार को तब तक दौड़ाते हैं जब तक वो हांफता हुआ जमीन पर नहीं गिर जाता। इसके बाद वे आराम से उसकी बोटियां चबाते हैं। मजे की बात ये कि कुत्तों का झुंड उसे मौत की नींद नहीं सुलाता बल्कि जिंदा जानवर को ही खाते रहते हैं और धीरे-धीरे वह दर्द की अधिकता से बेहोश हो जाता है।
अफ्रीकी जंगली कुत्तों की विकास प्रक्रिया के दौरान उनके अगले पैरों की हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों में एक बदलाव आ गया। इसके चलते वे काफी समय तक तेज दौडते रहते हैं। जबकि शेर, लकडबग्घे इत्यादि शिकारी बहुत लम्बी दौड़ नहीं लगा पाते। बेशक उनकी रफ्तार ज्यादा होती है लेकिन शरीर की हीट बढ़ जाने से उन्हें जल्द ही रुक जाना पड़ता है।
शिकार को 50 किलोमीटर तक दौड़ाते हैं
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वी अफ्रीका में 20-30 के समूह में जंगली कुत्ते हिरण या मृगों का पीछा करने के दौरान प्रतिदिन करीब 50 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं। इस दौरान इनकी रफ्तार 64 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहती है। ये असरदार शिकारी 60 फीसदी सफल होते हैं, जो शेर के 30 फीसदी और लकड़बग्घों के 25-30 फीसदी की तुलना में ज्यादा है। साइंस जर्नल पीयर जे में छपी रिसर्च के अनुसार कुत्ते, भेड़िए, लोमड़ी आदि जानवरों के समूह को कैनिड कहा जाता है।
चार अंगुलियों का उपयोग करके बढ़ाते हैं गति
कैनिड जीवों में केवल कुत्ते ही ऐसे है जिनके पैरों में चार अंगुलियां होती हैं। इससे इनकी गति तेज हो जाती है और वे लंबी छलांग लगाने में माहिर हो जाते हैं। अनुसंधनकर्ताओं ने चिड़िया घर में मरे एक अफ्रीकी जंगली कुत्ते का सीटी स्कैन के साथ पोस्टमार्टम किया तो उन्हें अगले पंजों की त्वचा के नीचे एक छोटी सी अंगुली मिली। ये अंगुली कुत्तों को दौड़ने के दौरान स्थिति, स्थान, दिशा, शरीर और शरीर के अंगों के बारे में चेतना बढ़ाने में मदद करती है।
अफ्रीकी जंगली कुत्तों पर हुए अनुसंधन से पता चला कि दौडने के दौरान उनके पैरों की मांसपेशियों में हल्की ऐंठन होती है जो उन्हें बेहोश होने से बचाती हैं। इसके अलावा अगले पैरों के जोड़ स्प्रिंग की तरह कुत्ते को आगे की ओर उछलने में मदद करते हैं। अफ्रीकी कुत्तों में बहुत ज्यादा स्टैमिना होता है जबकि इनके प्रतिद्वंद्वी शिकारी चीता अपनी तेजी, शेर अपनी ताकत और तेंदुआ छिपने की खूबी से लैस होता है।