जल्द आपरेशनल करने की तैयारी
नई दिल्ली. भारत के गले में स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स (सामरिक मोतियों की माला) पहना चुके चीन को वक्त आने पर खदेड़ने के लिए तैयार की जा रही थिएटर कमान जल्द ही हिंद महासागर के भारतीय इलाके में गश्त शुरू कर देगी। कमान का मुख्यालय अरब सागर के किनारे बने कारबार नोसैनिक अड्डे आईएनएस कदंबा में हो सकता है। इस अड्डे का डिजाइन किसी विमानवाहक पोत जैसा है।
दुनिया की महाशक्ति अमेरिका, रूस के पास कई दशकों से थिएटर कमान है। ये कमान गहरे समुद्र की लड़ाई में तो पारंगत होती ही है, साथ ही लम्बी दूरी के हवाई हमले, जमीन पर कार्रवाई में भी सक्षम होती है। भारतीय थिएटर कमान का नाम मैरीटाइम थिएटर कमान होगा!
रक्षा मामलों सम्बंधी खबरों के मुताबिक थिएटर कमान के कमीशंड होते ही भारतीय वायुसेना की समुद्र तटीय स्क्वाड्रनों के साथ ही तटरक्षक बल के संसाधन भी थिएटर कमान के अधीन हो जाएंगे। वायुसेना के तटीय स्क्वाड्रन समुद्र में लम्बी दूरी के हमलों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। जिन मिग 29के लड़ाकू विमानों का अड्डा कारवार है, वे भी थिएटर कमान में समा जाएंगे। पूर्वी और पश्चिमी नौसेना कमान के विलय से अस्तित्व में आने वाली इस कमान में अंडमान और निकोबार कमान को भी शामिल किया जा सकता है।
पहले इसका स्वरूप थिएटर सिद्धांत (तीनों सेनाओ का संयुक्त बल) से अलग तीनों सेनाओं के बीच समन्वय आधारित एकीकृत बल जैसा होना था लेकिन लगातार विमर्श और गहरे समुद्र में चुनौतियों के बढ़ जाने पर थिएटर सिद्धांत को लागू किए जाने की पूरी सम्भावना है। माना जा रहा है कि इस कमान के आपरेशनल होने के साथ ही भारत गहरे समुद्र के साथ ही बड़े इलाके में कार्रवाई की क्षमता हासिल कर लेगा।