नई दिल्ली. अगर चंद्रमा नहीं होता तो पृथ्वी लड़खड़ाने लगती। इससे दुनिया के मौसम, जलवायु भी ऐसे नहीं होते जैसे अभी हैं। पेड़ पौधों के साथ इंसानी जिंदगियां भी हमेशा खतरे के कगार पर रहतीं।
चंद्रमा सिर्फ पृथ्वी के घूमने के क्रम को ही नहीं तोड़ता बल्कि यह उसकी कक्षा में अक्षों को भी स्थिरता देता है। चंद्रमा हमारे ग्रह पर मौसम को स्थिर बनाता है। भूमध्यरेखा वाले इलाकों में पूरे साल एक जैसा मौसम रहता है। खूब सूरज चमकता है। पूरे साल यहां गर्मी रहती है और रोज बारिश होती है। बहुत से जीवों के लिए ये इलाका जन्नत है वहीं पृथ्वी के ध्रुवों पर सर्दियों में रातें अंधेरी होती हैं और तापमान इतना कम कि इंसानों के लिए रहना मुश्किल हो जाए। ये सब चन्द्रमा की वजह से ही होता है।
ज्वार नहीं आएं तो बढ़ जाएगी घूमने की गति
चंद्रमा मौसम को प्रभावित करता है? चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से समुद्र में ज्वार उठता है। ज्वार भाटे से पानी में होने वाली हलचल से हीट बफर बनता है और मौसम प्रभावित होता है।
अगर ज्वार ना उठें तो पृथ्वी तीन गुना तेजी से घूमेगी। इसके गंभीर परिणाम होंगे। मसलन वातावरण में टरब्यूलेंस बढ़ेगा। इससे तूफान बढ़ जाएंगे और उनकी रफ्तार 500 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और पृथ्वी भारी तबाही के चंगुल में फंस जाएगी।
गर्मियों में तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा तो सर्दियों में पारा मायनस 50 डिग्री तक गिर सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चन्द्रमा के बिना पृथ्वी के घूमने की रफ्तार में घट-बढ़ इस ग्रह पर जीवन को आकार नहीं लेने देती और वह भी मंगल इत्यादि ग्रहों जैसी हो जाती।