नई दिल्ली. एक वक्त में फिल्मी पर्दे के खलनायकों का प्रिय हथियार रहा ‘रामपुरी’ चाकू अब रसोइयों में हरी सब्जियां काटेगा। उत्तरप्रदेश सरकार ‘रामपुरी’ चाकू की नकारात्मक छवि को बदलने के लिए अभियान चला रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि रसोई के लिए ‘रामपुरी’ से बेहतर दूसरा चाकू हो ही नहीं सकता। उसकी धार, तरह-तरह डिजायन की खूबियां बताने वाले अभियान से ‘रामपुरी’ उद्योग को संजीवनी मिलने की पूरी उम्मीद है।
खबरों के मुताबिक रामपुर में अभियान से जुड़े अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि रामपुरी चाकू बहुत फेमस है लेकिन उसे नेगेटिव सेंस में जाना जाता है। रामपुरी चाकू घर में इस्तेमाल करने वाले, होटलों में इस्तेमाल करने के लिए भी बनते हैं और अभियान के तहत उसी रामपुर ब्रांड को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इसके अलावा रामपुर नवाब के महल में स्थित एशिया की नंबर 1 लाइब्रेरी रामपुर रजा लाइब्रेरी और शीश महल की मीनारों में बने मस्जिद, मंदिर, गुरद्वारा और चर्च का प्रमोशन भी किया जा रहा है। चौराहों पर इस मीनार के कटआउट लगाए गए हैं।
रामपुर की रजा लाइब्रेरी की वास्तुकला कला की खासियत के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। उसकी चारमीनारों में सर्व धर्म समभाव का मैसेज है। रामपुर हस्तकला प्रमोशन के लिए यह अभियान चलाया हुआ है। रामपुर के अंदर बहुत सारा हुनर है। रामपुर की वायलिन के सुर पूरे देश में गूंजते हैं लेकिन इसका पता संगीतकारों के अलावा किसी को नहीं है।