नई दिल्ली. दुनिया जिस गालिब की शायरी की दीवानी है, उस गालिब ने जिस जुबान उर्दू में शायरी लिखी और पढ़ी, उस उर्दू को उन्हीं के देश में हाशिए पर फैंका जा रहा है. विश्व उर्दू दिवस की पूर्व संध्या पर ये आरोप उर्दू डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विश्व उर्दू दिवस समारोह आयोजन समिति संयोजक डॉ सैयद अहमद खान ने लगाया है. उनका कहना है कि पिछले 26 साल से विश्व उर्दू दिवस समारोह आयोजित करके आर्गेनाइजेशन सरकार से लगातार ये कहता आ रहा है कि वह उर्दू शिक्षा के बेहतरीन इंतजाम करने के साथ—साथ उर्दू बोलने वालों को बढ़ावा देने के प्रयास करे लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती बन कर रह जाती है.
डा. सैयद अहमद खान का कहना है कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने उर्दू भाषा से पूरी तरह मुंह मोड लिया है और वह अंग्रेजी के पोषण में लगी हुई है, जबकि उर्दू अपने आप में एक ऐसी भाषा है जिसका साहित्य विश्व में बेजोड है. अनेक विद्वानों ने उर्दू में ऐसा साहित्य रचा है, जो समकालीन साहित्य की तुलना में कहीं भी कमतर नहीं है.
उन्होंने बताया कि विश्व उर्दू दिवस समारोह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए विश्व उर्दू दिवस समारोह आयोजन समिति की बैठक वरिष्ठ पत्रकार जलालुद्दीन मोहम्मद असलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में 9 नवंबर 2023 को होने वाले समारोह की तैयारियों का जायजा लिया गया. बैठक में तय किया गया कि प्रोफेसर अब्दुल हक की अध्यक्षता में विश्व उर्दू दिवस समारोह दोपहर बाद 3 बजे बस्ती हजरत निजामुद्दीन स्थित ग़ालिब एकेडमी में आयोजित किया जाएगा.
बैठक में उर्दू डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विश्व उर्दू दिवस समारोह आयोजन समिति के संयोजक डॉ सैयद अहमद खान ने बताया कि पिछले 26 वर्षों से उर्दू दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन इससे सरकारी स्तर पर उर्दू की हालत में कोई बदलाव नहीं दिख रहा बल्कि उर्दू की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र व राज्य सरकारें उर्दू की हालत सुधारने की दिशा में उचित कदम उठाएंगी.
गालिब अकादमी में आयोजित होने वाले विश्व उर्दू दिवस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रोफ़ेसर अख्तरुल वासे, पूर्व सांसद मोहम्मद अफजल, प्रोफेसर खालिद महमूद, प्रोफेसर सैफर रसूल, प्रोफेसर डॉ सलीम किदवई, डॉ सैयद फारूक, मौलाना मोहम्मद रहमानी, पूर्व विधायक हसन अहमद, वरिष्ठ पत्रकार गौतम लहरी, मासूम मुरादाबादी, सोहेल अंजुम हिस्सा ले सकते हैं. समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित करने के साथ ही स्मारिका का भी विमोचन किया जाएगा.