आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस का 39वां यूनानी चिकित्सा सम्मेलन
लखनऊ. आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस (उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में 39वां अखिल भारतीय यूनानी चिकित्सा सम्मेलन लखनऊ में प्रोफेसर मुश्ताक अहमद (यूनानी चेयर के पूर्व प्रमुख, केप टाउन विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश का देश में यूनानी चिकित्सा में पहले स्थान पर है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चौथे सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज के लिए कुशीनगर में भूमि भी आवंटित की जा चुकी है। जनता के बीच यूनानी चिकित्सा की उपयोगिता और लोकप्रियता के लिए यह एक व्यापक तर्क है। मुख्य अतिथि चौधरी कैफुलवरा (अध्यक्ष, उर्दू अकादमी उत्तर प्रदेश) ने उक्त यूनानी चिकित्सा सम्मेलन के शानदार आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मेेरा यूनानी चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में हर संभव सहयोग मिलता रहेगा। प्रस्तावित यूनानी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भी सहयोग करूंगा।
डॉ. सैयद अहमद खान ने मुख्य भाषण देते हुए चौधरी कैफुलवरा को संबोधित करते हुए उर्दू अकादमी उत्तर प्रदेश द्वारा एक नया अध्याय जोड़ने का अनुरोध किया और कहा कि यूनानी डॉक्टरों की व्यावहारिक सेवाओं को मान्यता दी जानी चाहिए और प्रमुख मुजाहिदीन आजादी मसीहुल मुल्क हकीम अजमल खां की देश सेवा, उर्दू यूनानी और आयुर्वेद सेवा के लिये ‘उर्दू वैज्ञानिक साहित्य पुरस्कार‘ का नाम अजमल खान के नाम पर रखा जाना चाहिए क्योंकि यूनानी चिकित्सा और उर्दू अविभाज्य हैं और मसीह-उल-मुल्क हकीम अजमल खान भी एक मानक कवि थे और उनकी रचनाएँ एवं लेखनी भी उर्दू में हैं। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अब्दुल वहीद ने अपने संबोधन में कहा कि चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में मेडिकल कॉलेजों की अहम भूमिका है और दवा संस्थान हमारे भरोसे हैं। क्लासिकल यूनानी औषध विज्ञान विशेष रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी दवाओं में मिलावट का मामला सामने आता है, यह बहुत पीड़ादायक होता है क्योंकि अमानक दवाओं से जनता का भरोसा टूटता है और यह एक बड़ी नैतिक भूल है. उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रांत में यूनानी चिकित्सा के प्रचार और विकास पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर जमाल अख्तर (डीन, यूनानी चिकित्सा संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय) ने कहा कि जनता की सेवा करने के इरादे से हमें चिकित्सा का अध्ययन कर आशा के साथ आगे बढ़ना चाहिए और यूनानी चिकित्सा विज्ञान का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
प्रो सऊद अली खान (पूर्व प्राचार्य, अजमल खान मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) ने कहा कि सफलता पाने के लिए संघर्ष जरूरी है. उन्होंने कहा कि यूनानी चिकित्सा ने हमें सम्मान और वक़ार दिया है। भारत में आयुष मंत्रालय के साथ विकास के कई अवसर हैं, हमें एकजुट होकर संघर्ष जारी रखना है और मैं स्वयं एक सेवक के रूप में आपके साथ खड़ा हूं।
डॉ. डीआर सिंह (संगठन सचिव, आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस) ने कहा कि यूनानी चिकित्सा भारत में अपने दम पर शान से रहेगी क्योंकि इसमें हर तरह की चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता है। डॉ. एसएम अहसन एजाज (अध्यक्ष, आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस, उत्तर प्रदेश) ने भी बात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रांत में यूनानी चिकित्सा की स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके अलावा डॉ. मोईद अहमद (अध्यक्ष, नुडवा), डॉ. तारिक उमर सिद्दीकी, डॉ. एसएम याकूब, डॉ. इश्तियाक अहमद खान, मोहम्मद ख़ालिद नेताजी, डॉ. लाईक अली खान, डॉ. सलमान खालिद, डॉ. मुहम्मद असलम (ईबा इंडिया) ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में देश भर के डॉक्टरों ने भाग लिया।
महत्वपूर्ण प्रतिभागियों में प्रो. फजलुल्ला कादरी, प्रो. नफासत अली अंसारी, डॉ. अबरार उस्मानी, डॉ. मणि राम सिंह, डॉ. परवाज उलूम (महासचिव, यूडीओ और ऑल इंडिया यूनानी डॉक्टर्स एसोसिएशन), डॉ. यूनुस इफ्तिखार मुंशी (उप निदेशक प्रभारी, सीसीआरयूएम, कोलकाता और भद्रक), डॉ. सगीर अहमद सिद्दीकी (पूर्व उप निदेशक, सीसीआरयूएम), डॉ. मकबूल अहमद खान, (पूर्व उप निदेशक, सीसीआरयूएम लखनउ), प्रो. काशफुददुजा, डॉ. अताउल्लाह खान, प्रो. अब्दुल कवी, डॉ. अल्लाह नवाज, डॉ. नासिर अली चौधरी, डॉ. सबात अहमद त्यागी, डॉ. अब्दुल सलाम फलाही, डॉ. मुहम्मद अकमल, डॉ. मुहम्मद अब्दुल सलाम खान, डॉ. खुबैब अहमद (प्रांतीय अध्यक्ष, तिब्बी कांग्रेस यूथ विंग उत्तर प्रदेश), डॉ. मुहम्मद जीशान (अध्यक्ष, तिब्बी कांग्रेस कानपुर जोन), डॉ. अब्दुल हलीम, डॉ. तैयब अंजुम, डॉ. हिदायतुल्लाह, डॉ. तौहीद अहमद खान कासमी, हकीम रिशादुल इस्लाम इलाहाबादी, डॉ. फुरकान रजा, हकीम आफताब आलम देहलवी, डॉ. राशिद किदवई, डॉ. एजाज अली कादरी, डॉ. मोहम्मद रोशन जयपुरी, डॉ. मोहम्मद मुबारक खान प्रधान, डॉ. इकबाल अहमद खान बलरामपुरी, डॉ. हसीन अहमद खान, डॉ. महक, डॉ. अम्बर, डॉ. इमरोज, डॉ. इसरार अंसारी, डॉ. मुहम्मद अंसार खान, डॉ. मुहम्मद एहसान खान, डॉ. अकील अहमद आजमी, डॉ. बिलाल अहमद, डॉ. शुजाउद्दीन बस्तवी, डॉ. मुहम्मद फैजान, डॉ. सरवर आलम, डॉ. जावेद कमाल और डॉ. सैयद मुहम्मद अकमल अल्वी आदि का नाम उल्लेखनीय है। डॉ. अफरोज तालिब ने निज़ामत के कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया और डॉ. शुजाउद्दीन अहमद ने धन्यवाद किया।