जयपुर. भारी विवादों के बीच मिला फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल इन दिनों रेगिस्तान को थर्रा रहा है। राफेल की दहाड़ से रेगिस्तान में रहने वालों के दिल कांप जाते हैं तो सीमा पार दुश्मन थरथरा जाता है। जी हां, देश के सबसे अहम जोधपुर एयर बेस पर इन दिनों भारत-फ्रांस एयरफोर्स के संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-21 चल रहा है और राफेल की गर्जना उसी का एक हिस्सा है।
फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल सहित अन्य लड़ाकू विमान और 175 वायुसैनिकों का दल बुधवार से जोधपुर में हैं। एयरफोर्स के सुखोई व अन्य लड़ाकू हेलिकॉप्टर पहले से जोधपुर में तैनात है। फाइटर जेट मिराज व राफेल भी वहां पहुंच चुके है। इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के 4 राफेल के साथ ही मल्टी रोल टैंकर एयर बस ए-330, टेक्टिकल ट्रांसपोर्ट विमान ए-400 और 175 वायुसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। भारत के मिराज-2000, सुखोई, राफेल, फ्लाइट रिफ्यूलिंग टैंकर आईएल-78, अवाक्स सहित कुछ अन्य विमान हिस्सा ले रहे हैं।
पिछले साल एयर फोर्स में शामिल फाइटर जेट राफेल को भारतीय पायलट्स पहली बार किसी युद्धाभ्यास में आजमा रहे हैं। युद्धाभ्यास में राफेल की हवा से हवा में मार करने की क्षमता को परखा जा रहा है। हवा में दुश्मन के फाइटर्स से आने वाली मिसाइलों से अपने विमान की रक्षा करने के साथ अपनी मिसाइल से उसे उड़ाने का अभ्यास किया जा रहा है। इसके लिए डमी मिसाइल का प्रयोग किया जाता है। एयरफोर्स के युद्धाभ्यास में वास्तविक गोला-बारूद इस्तेमाल नहीं होता है। टारगेट पर हमले डमी मिसाइल से होते हैं। इसके माध्यम से परखा जाता है कि निशाना कितना सटीक था।