Facebook Twitter Instagram
    HindiHeadline
    Facebook Twitter Instagram
    HindiHeadline
    Home » मुकाबले में अजीत मेहता के आने से आसान नहीं रही सचिन पायलट की राह
    National

    मुकाबले में अजीत मेहता के आने से आसान नहीं रही सचिन पायलट की राह

    Rupali SinghBy Rupali SinghNovember 18, 2023No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए 2018 से जारी जंग में नाकाम रहने के बाद प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर उसी टोंक विधानसभा से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जहां से 2018 में उन्होने पचास हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार हालात विपरीत दिख रहे हैं क्योंकि भाजपा ने उनके मुकाबले 2013 में विधायक चुने जा चुके सर्वसुलभ अजीत मेहता को मैदान में उतारा है. मुस्लिम, गुर्जर और अनुसूचित जनजाति के बाहुल्य वाली टोंक विधानसभा सीट पर 2018 में तीनों प्रमुख जातियों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था जबकि भाजपा ने अपने पूर्व मंत्री और मुस्लिम युनूस खान को चुनाव मैदान में उतारा था. इस बार भाजपा ने अपनी गलती दुरुस्त कर ली है और टोंक शहर समेत ग्रामीण इलाकों में खासे लोकप्रिय रहे पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया है. इससे सचिन पायलट की राह आसान नहीं रह गई है क्योंकि मेहता शहर के हिंदू और मुस्लिमों में समान पैठ रखते हैं.

    टोंक की चुनावी राजनीति पर करीबी से नजर रखने वालों का कहना है कि विधानसभा के शहरी क्षेत्रों के अधिकतर मुस्लिम कांग्रेस के परम्परागत वोटर हैं लेकिन इस बार उनमें पायलट के प्रति नाराजगी है. नाराजगी का कारण पायलट के लेफ्टिनेंट रहे वह सउद सईदी है जिसने जनता के कामों की अपेक्षा स्वयं के काम कराकर सचिन की नजदीकी का फायदा उठाया. इससे टोंक की जनता और पायलट के बीच सीधा संवाद नहीं रह पाया.

    टोंक में जीत किसकी होगी और किसकी होगी हार सवाल के जवाब में राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि अजीत सिंह मेहता और पायलट के बीच मुकाबला एकतरफा नहीं बल्कि कांटे की टक्कर का है. अजीत के टक्कर में आने के पीछे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के साथ ही जम्मू—कश्मीर के मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला का सचिन पायलट से तलाक हो जाने की खबरें हैं. इससे पिछले चुनाव में पायलट को मुस्लिम वोट झडकर मिलने के अनुमान लगाए गए थे. लेकिन इस बार इसी वजह से मुस्लिम वोटों में कमी आने की आशंका है.

    इसके अलावा पिछली बार पायलट के मुकाबले भाजपा टिकट पर मुस्लिम युनूस खान होने से भाजपा के वे वोट उससे रुठ गए थे जो प्रत्येक चुनाव में ध्रुवीकृत रहते हैं. ये हिंदू आबादी के वे वोट होते हैं जो मुस्लिम विरोधी हैं और इसी वजह से भाजपा के वोटर हैं. इस बार भाजपा टिकट पर हिंदू अजीत सिंह मेहता उम्मीदवार हैं. इसलिए ध्रुवीकृत वोट भी अजीत सिंह मेहता की जीत में मदद कर सकते हैं. अजीत सिंह मेहता को अनुसूचित जातियों के साथ ही वैश्य, ब्राह्मण तथा क्षत्रियों का वोट भी मिलने की पूरी उम्मीद है.

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Rupali Singh

    Related Posts

    9 नवंबर को ग़ालिब एकेडमी में होगा विश्व उर्दू दिवस समारोह

    November 8, 2023

    हरियाणा को निरोगी बनाने की कोशिश कर रही है आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस: डा. सैयद अहमद खान

    November 3, 2023

    मेवात के नूह में यूनानी चिकित्सा कैंप 1 नवम्बर को, डा. सैयद अहमद होंगे मुख्य अतिथि

    October 31, 2023

    Leave A Reply Cancel Reply

    Facebook Twitter Instagram Pinterest
    © 2023 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.