केबिनेट ने दी बधिया करने के उपायों को मंजूरी
नई दिल्ली। दक्षिण एशिया के भारत सहित लगभग सभी देश बलात्कारियों से परेशान हैं। कानूनों में संशोधन कर सजा को कड़ी से कड़ी बनाने के बावजूद बलात्कारियों के हौसले कम नहीं हुए हैं। इसे देखते हुए पाकिस्तान ने फैसला किया कि वह पकड़ में आने के बाद किसी भी बलात्कारी को फिर से औरत की अस्मत लूटने के काबिल नहीं रहने दिया जाएगा। अर्थात उसे बधिया कर दिया जाएगा।
पाकिस्तानी की कैबिनेट ने बलात्कारियों को रासायनिक रूप से बधिया करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रासायनिक बधिया या केमिकल कास्ट्रेशन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है।
पाकिस्तानी समाचार माध्यमों के मुताबिक संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी (जांच और सुनवाई) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई। पहली बार अपराध करने वाले या अपराध दोहराने वाले अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय की तरह माना जाएगा और इसके लिए दोषी की सहमति ली जाएगी। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है। यदि सहमति लिए बिना रासायनिक बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को अदालत के समक्ष चुनौती दे सकता है।
अगर कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं होगा तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत अदालत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा दे सकती है।
सजा का फैसला अदालत पर निर्भर करेगा। न्यायाधीश रासायनिक बधियाकरण या पीपीसी के तहत सजा का आदेश दे सकते हैं। अदालत सीमित अवधि या जीवनकाल के लिए बधिया करने का आदेश दे सकती है।
प्रस्तावित कानून के अनुसार, एक आयुक्त या उपायुक्त की अध्यक्षता में बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा ताकि प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके। इसमें आरोपी के बलात्कार पीड़ित से जिरह पर भी रोक लगा दी गई है। केवल जज और आरोपी के वकील ही पीड़ित से जिरह कर सकेंगे।