नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के मंदिर इन दिनों उत्पातियों के निशाने पर हैं। इससे नाराज विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार को नाकाम बता रही हैं। विपक्षी दल के कुछ नेताओं ने मंदिरों तोड़फोड के बाद प्रदेश का दौरा शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि सरकार मंदिरों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। विपक्षी नेता इन दिनों राज्य का दौरा कर रहा है। दूसरी ओर राज्य सरकार का आरोप है कि विपक्षी पार्टियां राज्य में विकास गतिविधियों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के षड्यंत्र रच रही हैं।
पिछले साल अंतर्वेदी लक्ष्मीनरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ को जला दिया गया था। इससे राज्य में मंदिरों के इर्दिगिर्द पहले से जारी राजनीतिक तनाव और गहरा गया। 60 साल पुराने रथ को जलाए जाने की इस घटना के बाद कई पार्टियों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। इस दौरान दूसरे समुदायों के पूजास्थलों पर पत्थरबाज़ी की कई घटनाएं हुईं और मंत्रियों से सवाल किए गए। इन मामलों में 36 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।
इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार के एंडोवमेंट डिपार्टमेंट ने फ़ंड जारी कर जलाए गए रथ की जगह पर एक नया रथ तैयार किया जा रहा है। मंदिरों के साथ लगातार बढ़ते विवादों की घटनाएं देखते हुए राज्य सरकार ने फ़ैसला किया है कि वह सभी मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी। सरकार इसका फ़ैसला पिछले साल सितंबर में ही कर चुकी है। सरकार का दावा है कि अब तक 20 हजार मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस ने ऐलान किया है कि उन्होंने मंदिरों के आसपास सुरक्षा को बढ़ा दिया है लेकिन, अब भी जारी तोड़फोड़ की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार की कोशिशें नाकाम होती नज़र आ रही हैं।
हालांकि आंध्र प्रदेश पुलिस यह कह रही है कि उन्होंने मंदिरों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।अलग-अलग जगहों पर लगातार हुई घटनाओं की वजह से लोगों का भरोसा डगमगा गया है। आंध्र प्रदेश पुलिस के मुताबिक़, इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ वक़्त से जारी हैं। कुछ लोग मंदिरों को और मंदिरों में मौजूद मूर्तियों को तोड़े जाने की घटनाओं में शामिल हैं और ये घटनाएं दूर-दराज़ के इलाक़ों में ज़्यादा हुई हैं।