नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश के गृह विभाग ने कथित लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का जो ड्राफ्ट विधि विभाग को भेजा है, उसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल तक नहीं किया गया है। ड्राफ्ट में कानून को विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 कहा गया है।
खबरों के मुताबिक प्रस्तावित कानून में जबरन धर्मांतरण पर 5 साल व सामूहिक धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा और अपराध को गैरजमानती बनाने का प्रस्ताव है। जबरन, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। प्रपोजल में अंतर-धार्मिक (इंटर-रिलीजस मैरिज) पर किसी तरह की रोक नहीं है। प्रस्ताव में ‘लव जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है।
प्रस्ताव में जबरन या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन मामले में 5 साल तक की सजा और 15 हजार रुपये तक जुर्माना होगा। नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में दो से सात साल तक की सजा और कम से कम 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।
सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा। धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट को एक माह पहले सूचना देना अनिवार्य होगा। अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी संस्था या संगठन भी सजा के पात्र होंगे।