नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अंतर-धार्मिक विवाह का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे एक जोड़े को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रोककर पुलिस को सौंप दिया।
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के भाग-3 के तहत राशिद और उनके भाई सलीम पर मामला दर्ज करके उसे जेल भेज दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के अनुसार गले में भगवा गमछा बांधे बजरंग दल के कार्यकर्ता महिला से जिले के कांठ पुलिस थाने में सवाल कर रहे हैं। एक कार्यकर्ता महिला से पूछ रहा है, डीएम की अनुमति दिखाओ कि तुम अपना धर्म बदल सकती हो। दूसरा पूछता है कि क्या तुमने नया क़ानून पढ़ा है या नहीं?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कांठ पुलिस स्टेशन पर रिकॉर्ड एक वीडियो में दिख रहा है कि लड़की निकाहनामे की एक कॉपी दिखा रही है जिसमें उसका मुस्लिम नाम है और उसी रीति-रिवाज से शादी की है। सबूत के तौर पर अख़बार में छपा विज्ञापन भी दिखा रही है जिसमें उसने अपना नाम बदला था। उत्तर प्रदेश में जो नया क़ानून पास हुआ है उसमें शादी के लिए धर्मपरिवर्तन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लड़की की मां की शिकायत के बाद राशिद और उनके भाई सलीम के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई है। मां का आरोप है कि राशिद ने बेटी से असली पहचान छिपाई और वो अब उनकी बेटी पर धर्मांतरण का दबाव डाल रहा था। जबकि 22 वर्षीय लड़की का कहना है कि वो बालिग़ है और पांच महीने पहले राशिद से की गई शादी का पंजीकरण कराने कोर्ट आई थीं। उत्तरप्रदेश में यूपी में 24 नवंबर से लागू हुए इस अध्यादेश के ज़रिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित कर दिया गया है। धर्म परिवर्तन के लिए डीएम से अनुमति लेना अनिवार्य है।