जयपुर. पुरा महत्व की अपार सम्पत्तियों से लबरेज राजस्थान विश्वविद्यालय के एक भवन पर राज्य की एक बिजली कम्पनी ने नजरें गडा रखी हैं। कम्पनी विश्वविद्यालय के अनुभवहीन कुलपति पर दबाव डालकर महाराजा कॉलेज प्रिंसिपल क्वार्टर में अपना दफ्तर खोलने की फिराक में है। इस परिसर में कार्यालय खोलने के लिए कम्पनी एडी-चोटी का जोर लगा रही है।
राजस्थान विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य अखिल शुक्ला ने कुलाधिपति कलराज मिश्र को पत्र लिखकर कहा है कि राजस्थान विश्वविद्यालय की तमाम इमारतें पुरा महत्व की हैं। ऐसी इमारतों में बिजली कम्पनी का दफ्तर खोलने से एक तरफ इमारत का पुरा महत्व समाप्त होगा तो दूसरी ओर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण और गरिमा का ह्रास भी होगा।
पत्र में लिखा है कि राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति राजीव जैन अनुभवहीन हैं, इसलिए वे बिजली कम्पनी के दबाव में आ गए हैं। जबकि प्रोटोकॉल में उनका दर्जा मुख्य सचिव से ऊपर है। इसी के चलते विश्वविद्यालय में अराजकता के साथ ही उसकी सम्पत्तियां असुरक्षित हो गई हैं। जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित महाराजा कॉलेज प्रिंसिपल क्वार्टर राजस्थान विश्वविद्यालय की कीमती सम्पत्ति है। बिजली कम्पनी इसे हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
सीनेट सदस्य ने कहा है कि विश्वविद्यालय हैंडबुक में दर्ज विश्वविद्यालय सम्पत्तियों की सुरक्षा के नियम कायदे स्पष्ट होने के बावजूद कुलपति उसे बिजली कम्पनी को देने पर आमादा दिख रहे हैं।
पत्र में सीनेट सदस्य ने मांग की है कि कुलाधिपति विश्वविद्यालय की गरिमा, प्रतिष्ठा व सम्पत्तियों की रक्षा करने के लिए हस्तक्षेप करें और कुलपति को विश्वविद्यालय सम्पत्तियों की रक्षा करने के निर्देश दें।