नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ संगठन के फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन को मान्यता देने के साथ ही भारत ने इन वैक्सीन को आपात मंजूरी देने के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक बुला ली है। बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फाइजर और भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की अनुमति देने पर फैसला किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने फिलहाल इन दो वैक्सीन को ही मान्यता दी है।
मंजूरी देने के बाद डब्लूएचओ ने कहा कि वह अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से देशों को इस वैक्सीन के लाभ की जानकारी देगा। संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था की मंजूरी मिलने के बाद दुनिया सभी देशों में फाइजर की वैक्सीन इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है। डब्लूएचओ ने ने गरीब देशों तक कोरोना वैक्सीन के जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए इमरजेंसी यूज लिस्टिंग प्रोसेस भी शुरू कर दिया है। इस सूची में शामिल होने के बाद किसी भी कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी।
वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद कम हो जाती है मौत की संभावना
डब्लूएचओ ने फाइजर वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद कोरोना से मौत की संभावना कम हो जाने का दावा किया है। ब्रिटेन में 1 लाख 40 हजार लोगों को फाइजर बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। इस वैक्सीन का माइनस प्वाइंट ये है कि इसे शून्य से 70 डिग्री नीचे के तापमान पर रखना होता है। जबकि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कमरे के तापमान पर भी रखी जा सकती है।
ब्रिटेन में जल्द खत्म हो जाएगी वैक्सीन की खुराक
उधर ब्रिटेन के पूर्व स्वास्थ्य सचिव जेरेमी हंट ने दावा किया कि फाइजर वैक्सीन की खुराक जनवरी में खत्म जाएगी और मार्च तक कोई अन्य शिपमेंट नहीं आएगा। अगर जल्दी कोरोना की दूसरी वैक्सीन नहीं आई तो टीकाकरण कार्यक्रम रुक सकता है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑक्सफोर्ड को 10 करोड़ वैक्सीन की डोज बनाने का ऑर्डर पहले ही दे दिया है। फाइजर की कोरोना वैक्सीन को सबसे पहले ब्रिटेन ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। फिर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन, इजरायल, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग को मंजूरी दे दी।