नई दिल्ली। डॉ सर मोहम्मद इकबाल के जन्म दिवस के अवसर पर उर्दू भाषा को व्याप्त चैलेंज और उसका हल विषय पर राजधानी दिल्ली के बस्ती हजरत निजामुद्दीन स्थित गालिब एकेडमी सभागार में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन और यूनाइटेड मुस्लिम ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वधान में किया गया। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मान से भी नवाजा गया। विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी के जीवन और उद्देश्यों पर एक विशेष स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
विश्व उर्दू दिवस समारोह के संयोजक डॉ सैयद अहमद खान ने इस मौके पर उपस्थित सभी मेहमानों का स्वागत किया। डॉ खान ने बताया कि आज का यह कार्यक्रम सिल्वर जुबली कार्यक्रम है। हम पिछले 25 सालों से लगातार उर्दू दिवस मनाते आ रहे हैं यहां तक की कोरोना काल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी पहल पर देश और दुनिया भर में जहां कहीं पर भी उर्दू भाषा बोलने और समझने वाले लोग मौजूद है उर्दू दिवस मनाते हैं। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अल्लामा इकबाल के जन्मदिन के उपलक्ष में उर्दू दिवस मनाने जो सिलसिला 25 वर्ष पहले शुरू किया गया था वह दिन प्रतिदिन आगे बढ़ता जा रहा है। हमारी कोशिश हमेशा यह रहतीं है कि उर्दू भाषा को और अधिक तरक्की मिले।
इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू भाषा के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुलहक ने आयोजकों विशेष विशेष तौर से डॉ सैयद अहमद खान को मुबारकबाद पेश की। समारोह में तस्मिया एजुकेशनल ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉ सैयद फारूक ,राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग के जस्टिस एन के जैन, प्रख्यात विद्वान मौलाना मोहम्मद रहमानी मदनी, ख्वाजा मोहम्मद शाहिद, प्रेस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेरा, डॉ लाल बहादुर, मौलाना जाहिद आजाद झंडा नगरी, मौलाना सिराजुद्दीन नदवी, पत्रकार सोहेल अंजुम आदि ले अल्लामा इकबाल के जीवन और उनके उद्देश्य पर अपने विचार व्यक्त किए और उन्हें श्रद्धांजलि पेश की। इस मौके पर जिन लोगों को सम्मानित किया गया उसमें प्रोफेसर हबीबुर्रहमान नियाजी, मोहम्मद महमूद खान, हकीम फखरे आलम, डॉ अभय कुमार, महताब आलम, इंतजार नईम, डॉ मंजर, मोहम्मद रईस सिद्दीकी, कृष्णा शर्मा दामिनी, डॉ ओबेदुल्ला चौधरी, अब्दुल रशीद आजमी, अशरफ मेवाती, सैयद साजिद अली टोंकी, रौनक जमाल, निशात हुसैन, जुबेर खान सईदी, ताहिरउल हसन, रोहिनी सिंह, अलहाज मोहम्मद नासिर खान आदि के नाम शामिल है। कार्यक्रम को सफल बनाने में इमरान कन्नौजी हकीम अताउर्रहमान अजमली, हामिद अली अख्तर, डॉ हबीबउल्लाह, हाफिज मुर्तजा देहलवी, डॉ आफताब, हकीम अफताब आलम, हाजी शमीम आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।