देश भर में हजारों कर्मचारी-अधिकारियों और सरकारी पत्रकारों की तैनाती के बावजूद दूरदर्शन प्राइवेट चैनलों की टीआरपी के सामने क्यों नहीं टिक पाता है ? सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती को इस सवाल का जवाब लगभग दो दशक बाद जयपुर में मिला है. दूरदर्शन की दुर्दशा का कारण पता चलने पर प्रसार भारती सीईओ ने डीडी राजस्थान के केन्द्र प्रभारी, कार्यक्रम और समाचार सेक्शन प्रभारियों को जमकर लताड़ पिलाई.
हुआ कुछ यूं कि पांच विधानसभाओं के चुनावों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान कवरेज समेत अन्य मुद्दों पर राजस्थान में डीडी कॉन्क्लेव का आयोजन किया था. पांच सितारा होटल में आयोजित कान्क्लेव में राजस्थान की दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रादेशिक प्रमुखों के साथ ही तीसरे मोर्चे के दलों को भी निमंत्रण भेजा गया. चूंकि कार्यक्रम में प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी भी मौजूद थे, इसलिए डीडी राजस्थान का सम्पूर्ण अमला भी वहां तैनात था.
नहीं आए बुलाए गए बड़े नेता
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम शुरू होते ही डीडी राजस्थान में तैनात सरकारी पत्रकार यानि समाचार सेक्शन की प्रभारी और अन्य अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए क्योंकि राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा के प्रादेशिक प्रमुख पहुंचे ही नहीं. आनन-फानन में दूसरे दर्जे के कुछ नेताओं को हाथ-पांव जोड़कर बुलाया गया. यहां तक कि आम आदमी पार्टी, आरएलपी और बसपा प्रतिनिधियो ने भी कार्यक्रम में आने की जहमत नहीं उठाई. ये जरूर है कि भीड़ बढ़ाने के लिए समाचार सेक्शन अधिकारियों समेत अन्य के परिजनों को बुलाकर बिठा दिया गया ताकि प्रसार भारती सीईओ को भरमाया जा सके कि चैनल देखने वाले लोग तो कार्यक्रम में आए हैं.
लंच से रोकने पर तकनीकी कर्मचारी, कैमरामैनों ने किया हंगामा
सीईओ को भरमाने में डीडी अधिकारी लगभग कामयाब भी हो गए लेकिन इस बीच कार्यक्रम का प्रबंधन करने वाले अधिकारी ने डीडी के तकनीकी कर्मचारियों, कैमरामैनों समेत अन्य स्टॉफ को लंच करने से रोक दिया. ऐसा करते ही तकनीकी कर्मचारी और कैमरामैन आगबबूला हो गए और उन्होंने प्रसार भारती सीईओ के समक्ष ही हंगामा शुरू कर दिया. कुछ कर्मचारी, कैमरामैन और भी आगे बढ़ गए और उन्होंने सीईओ गौरव द्विवेदी के समक्ष ये उजागर कर दिया कि स्टॉफ को लंच के लिए मना करने वाले अधिकारियों ने भीड़ में अपने परिवारजन यहां तक कि सास-ससुर, साले, साली भी बुलाकर बिठा रखे हैं और उन्हें लंच तक कराया जा रहा है. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि समूचे राज्य में तो क्या राजधानी जयपुर में भी सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्षी दल के बड़े नेता डीडी न्यूज बुलेटिनों को कोई महत्व नहीं देते. यहां तक अलग से बाइट देने में भी कतराते हैं. बिफरने की हद तक हंगामा कर रहे न्यूज कैमरामैनों का साथ प्रोग्राम साइड कर्मचारियों ने भी दिया और ये कह दिया कि कार्यक्रमों में सिर्फ वे ही आते हैं, जिन्हें प्राइवेट चैनल घुसने तक नहीं देते.
क्या ये पंचायती करने का वक्त है !
डीडी राजस्थान के समाचार सेक्शन समेत कार्यक्रम प्रोड्यूसरों की कारस्तानी उजागर होने से प्रसार भारती सीईओ गौरव द्विवेदी भी गुस्से से लाल हो गए और उन्होंने कार्यक्रम में ही डीडी समाचार सेक्शन, प्रोग्राम प्रोड्यूसर तथा केन्द्र प्रभारी को बुरी तरह लताड़ पिला दी. डीडी राजस्थान अधिकारियों की कॉन्क्लेव को सफल बनाने में असफलता से भन्नाए गौरव द्विवेदी ने कमरों के आवंटन सम्बंधी विवाद का जिक्र करते हुए यहां तक कह दिया कि क्या ये पंचायती करने का वक्त है. बता दें कि इससे पहले समाचार सेक्शन की दिल्ली से आई महिला आला अधिकारी ने भी सबके सामने डीडी राजस्थान समाचार सेक्शन प्रभारी को जमकर डांटा और न्यूज बुलेटिन्स सम्बंधी गड़बड़ियों को ठीक करने के निर्देश दिए.
असफलता का कारण समाचार सेक्शन प्रभारी की अक्षमता
सूत्रों के अनुसार प्रसार भारती सीईओ और समाचार सेक्शन की आला अधिकारी ने डीडी कॉन्क्लेव की असफलता का मूल कारण राजस्थान की समाचार सेक्शन की प्रभारी अधिकारी की अक्षमता को माना है क्योंकि कॉन्क्लेव की असफलता के साथ ही ये साफ हो गया कि राजस्थान के राजनेताओं पर उनकी कोई पकड़ नहीं है. इसी वजह से निमंत्रण के बावजूद बड़े नेताओं ने कॉन्क्लेव से किनारा कर लिया.