फिर भी रुक नहीं रहे किसान
नई दिल्ली. तमाम अवरोधों के बावजूद राजधानी दिल्ली के बाहरी इलाकों तक पहुंचने में कामयाब किसानों को अब कोरोना का हवाला देकर रोकने की कोशिश की जा रही है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों के इस्तेमाल के साथ ही उन्हें बता रहे हैं कि कोविड-19 के मद्देनजर रैली या धरना देने की अनुमति नहीं है।
मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर आंसू गैस के गोले दागने के साथ ही पानी की बौछारें मारी।
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किए जाने के बाद घना धुआं देखा गया। टीकरी बॉर्डर पर किसानों की पुलिस से झड़प हो गई और किसानों ने अवरोधक के तौर पर लगाए ट्रक को जंजीरों (चैन) के जरिए ट्रैक्टर से बांधकर वहां से हटाने की कोशिश की।
राष्ट्रीय राजधानी सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदल दिया गया है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर वाहनों की तलाशी बढ़ा दी गई है। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर सीआईएसएफ कर्मियों को भी तैनात किया गया है। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।