जयपुर. कोरोना संक्रमित के नेगेटिव आने के बाद भी वैक्सीनेशन जरूरी है क्योंकि उससे बनने वाली एंटीबॉडी लम्बे समय तक इस महामारी से बचाव करेगी। ये सलाह राज्य सरकार की कोविड मैनेजमेंट सलाहकार कमेटी के सदस्य, राजस्थान अस्पताल के प्रेसीडेंट और प्रसिद्ध अस्थमा विशेषज्ञ डॉ वीरेन्द्र सिंह और राजस्थान अस्पताल के चेयरमैन और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस एस अग्रवाल ने दी। उनका कहना है कि चाहे कोरोना संक्रमित नेगेटिव आ गए हों लेकिन शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी बनाए रखने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है।
खुद भी आ गए थे चपेट में
गौरतलब है कि कोरोना प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ये दोनों ही विशेषज्ञ मरीजों का इलाज करते समय स्वयं कोरोना की चपेट में आ गए। सरकार की गाइडलाइन का पालना करते हुए इस महामारी से उबरने के पश्चात अब और लोगों को इससे बचाव और उनके इलाज में फिर से कोरोना योद्धा की तरह डटे हुए हैं। सोमवार को डॉ. एस एस अग्रवाल और डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कोरोना से बचाव के लिए सरकार की ओर से मुहैया कराई गई वैक्सीन लगवाई। उनका कहना है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। सभी को लगवाना जरूरी है। चाहे पहले से ही एण्टीबॉडी शरीर में बन गई हो।
जल्द सुरक्षित हो जाएं कोरोना वॉरियर्स
डॉ. अग्रवाल और डॉ. सिंह ने फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स का आह्वान किया कि वे अपने क्रम के अनुसार जल्दी से जल्दी वैक्सीनेशन करा कर सुरक्षित हो जाएं ताकि आने वाले समय में और लोगों के इलाज और बचाव के लिए तैयार हो सकें।
डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लगने के पंद्रह दिन पश्चात शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाएगी। डॉ. एस एस अग्रवाल ने बताया कि हमारा देश जिस प्रकार बीमारी को समझ कर कोरोना के इलाज में अग्रणी रहा उसी प्रकार वैक्सीनेशन में भी नेतृत्व कर रहा है। भारत को छोडकर कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने दो वैक्सीन एक साथ तैयार की हों।