Republic Day Parade: नई दिल्ली. दो दिन बाद भारत 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस दिन 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुए भारत ने संविधान को आत्मसात किया था। ये तारीख 26 जनवरी 1950 थी। इसीलिए प्रत्येक 26 जनवरी को लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित होने की वर्षगांठ के रूप में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान सभा ने लगभग तीन साल (2 साल, 11 महीने और 17 दिन सटीक) में भारत का संविधान तैयार किया था। इस अवधि के दौरान, 165 दिनों में 11 सत्र आयोजित किए गए थे। Republic Day Parade in Delhi
भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ मिलती हैं सलामी
तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत राज्यों का एक संघ गणराज्य है और भारत के उस संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया था। देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। राज्यों की राजधानी में राज्यपाल राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ़ राष्ट्रपति की मौजूदगी में भारतीय सेना अपने टैंकों, मिसाइलों, रडार आदि का प्रदर्शन करती है।
बैंडों की पारंपरिक धुन पर मार्च करके लौटती हैं छावनी
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से होता है। इसका आयोजन रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन के सामने किया जाता है, जिसके चीफ़ गेस्ट राष्ट्रपति होते हैं। बीटिंग रिट्रीट यानी गणतंत्र दिवस समारोह के तीसरे दिन यानी 29 जनवरी को थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन बजाते हुए मार्च करते हैं। जिस भारतीय ध्वज को फहराया जाता है, उस तिरंगे का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने किया था। पिंगली ने शुरुआत में जो झंडा डिज़ाइन किया वो सिर्फ़ दो रंगों का था, लाल और हरा। उन्होंने ये झंडा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के बेज़वाडा अधिवेशन में गांधीजी के समक्ष पेश किया था। बाद में गांधी जी के सुझाव पर झंडे में सफ़ेद पट्टी जोड़ी गई।
चरखा हटाकर दिया गया था अशोक चक्र को स्थान
आगे चलकर चरखे के स्थान पर राष्ट्रीय प्रतीक स्वरूप अशोक चक्र को जगह देकर इसे राष्ट्रीय झंडा घोषित किया गया। राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया। गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट पर ख़त्म होती है। प्रथम गणतंत्र दिवस पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।