नई दिल्ली. कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड जातीय विवाह व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अरुंधति और मैत्रेयी योजना के तहत गरीब ब्राह्मणों से शादी करने पर आर्थिक मदद देगा। बोर्ड की एक योजना के तहत गरीब पुजारी से शादी करने वाली ऐसी ब्राह्मण महिलाओं को 3 लाख रुपए तक के बॉन्ड मिलेंगे। दूसरी योजना में गरीब ब्राह्मण महिला को 25 हजार रुपए दिए जाएंगे।
योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट स्तर पर है। कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड के अध्यक्ष एचएस सच्चिदानंद मूर्ति के अनुसार अरुंधति और मैत्रेयी योजना के लिए फंड्स इकट्ठा कर लिए गए हैं। अरुंधति स्कीम के तहत 550 गरीब ब्राह्मण महिलाओं को उनकी शादी के लिए 25 हजार रुपए प्रत्येक के हिसाब से दिया जाएगा। मैत्रेयी स्कीम में गरीब ब्राह्मण पुजारी से शादी रचाने वाली 25 महिलाओं को तीन लाख रुपए प्रत्येक के हिसाब से बॉन्ड दिए जाएंगे। ये बॉन्ड तीन साल तक इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
जानकारी के अनुसार मैत्रेयी स्कीम के तहत किसी भी जोड़े को तीन लाख के बॉन्ड का पूरा फायदा उठाने के लिए तीन साल तक शादीशुदा रहना होगा। शादी के हर एक साल के अंत पर 1 लाख रुपए की इंस्टालमेंट जोड़े को दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2018-19 में ब्राह्मण विकास बोर्ड के गठन के साथ ही उसे 25 करोड़ बजट फंड मुहैया कराने का ऐलान किया था। 2019 के अंत में भाजपा की बीएस येदियुरप्पा सरकार ने बोर्ड का गठन किया। मूर्ति बोर्ड के पहले अध्यक्ष हैं। इसके अलावा यूपीएससी-प्री स्टेज पास करने वाले गरीब ब्राह्मण छात्रों की मदद के लिए भी 14 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
इस राशि से उन्हें स्कॉलरशिप, फीस और ट्रेनिंग दी जाएगी। स्कीम का फायदा उठाने के लिए आवेदकों को प्रमाणित करना होगा कि उनके पास पांच एकड़ से ज्यादा किसानी लायक जमीन नहीं है और 1000 वर्ग फीट से बड़ा फ्लैट नहीं है। इसके अलावा उनकी पारिवारिक तनख्वाह 8 लाख रुपए सालाना से भी कम होना अनिवार्य है।