आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की वार्ता का नतीजा
नई दिल्ली. केन्द्र सरकार ने दावा किया है कि आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत में पराली जलाने संबंधी अध्यादेश और प्रस्तावित विद्युत कानून सहमति बन गई।
बुधवार को छठे दौर की बातचीत के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के बीच पराली जलाने को लेकर किसानों पर की जाने वाली कार्रवाई तथा प्रस्तावित विद्युत सुधार कानून में सब्सिडी को समाप्त करने की आशंका पर दोनों पक्षों के बीच सहमित बन गयी।
बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। तोमर ने संवाददाताओं को बताया कि पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई और प्रस्तावित बिजली सुधार कानून में सब्सिडी समाप्त करने की आशंकाओं को दूर कर लिया गया है और इस पर दोनों पक्ष सहमत हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि कृषि के लिए मिलने वाली बिजली पर किसानों की सब्सिडी जारी रहे और पराली जलाने की घटनाओं में किसानों पर कार्रवाई नहीं की जाए।
तोमर ने कहा कि किसान तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार उनकी कठिनाइयों पर विचार के लिए तैयार है। न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी है और जारी रहेगा। सरकार इस पर लिखित में आश्वासन देने को तैयार है।
किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। कृषि मंत्री ने विश्वास जताया कि अगली बैठक में किसानों की समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा। दाेनाें पक्षों के बीच अगली बैठक चार जनवरी को होगी। सरकार किसानों के मुद्दों पर संवदेना से विचार कर रही है और आगे की बैठक में इसका समाधान हो जाएगा।