रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल खरीद का समझौता
नई दिल्ली. अपने सर्वाधिक विश्वसनीय दोस्त रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल खरीदने पर भारत को कठोर अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस की स्वतंत्र रिसर्च विंग कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘टेक्नोलॉजी शेयरिंग और सह-उत्पादन को लेकर बेहद उत्साहित भारत की यह खरीद अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन है। यद्यपि अमेरिका स्वयं चाहता है कि भारत अपनी रक्षा नीति में बदलाव लाए और रक्षा क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाने पर ध्यान केन्द्रित करे।
कांग्रेस में पेश इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अरबों डॉलर का रूस निर्मित एस-400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम ख़रीद रहा है। ये अमेरिका के शत्रु विरोध प्रतिबंध क़ानून का उल्लंघन है। अमेरिकी कानूनों के जानकारों के अनुसार सीआरएस की रिपोर्ट आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मानी जाती और ये अमेरिकी कांग्रेस का नजरिया भी नहीं है लेकिन इससे अमेरिकी कानून निर्माताओं को एक तरह की चेतावनी मिलती है।
भारत ने रूस से पांच एस-400 एयर डिफ़ेंस मिसाइल सिस्टम ख़रीदने का 5 अरब डॉलर का सौदा अक्तूबर 2018 में किया था। इस मामले में ट्रंप प्रशासन भारत को चेता चुका था कि अगर यह सौदा होता है तो फिर उसे अमेरिकी प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना होगा, लेकिन इसके बावजूद 2019 में भारत ने मिसाइल सिस्टम के लिए 80 करोड़ डॉलर का पहला भुगतान कर दिया। एस-400 रूस का सबसे आधुनिक ज़मीन से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाला मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम है।