पेंशन भोगियों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी. अब केन्द्र सरकार से रियायतें देने के लिए पेंशनधारियों को गिडगिडाना नहीं पड़ेगा क्योंकि पेंशन बीमा करने वाली कंपनियों ने केन्द्र सरकार से बजट 2023 में पेंशन को पूरी तरह टैक्स फ्री करने की गुजारिश की है. जैसा कि सब जानते हैं कि पेंशनर्स लम्बे समय से ये मांग कर रहे हैं कि पेंशन को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया जाए. अब उनकी इस मांग को पेंशन और चिकित्सा बीमा करने वाली कंपनियों का सहारा मिल गया है. इन कंपनियों की लॉबी बहुत ताकतवर है.
अब बजट 2023 से पूर्व बीमा उद्योग ने देश में बीमा पैठ बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले 4-5 वर्षों से बीमा उद्योग की मांगों को सामने रखा है. बीमा उद्योग की मांग है कि पेंशन की पैठ बढ़ाने और पेंशन समाज को सामाजिक सुरक्षा कवर के रूप में पेंशन को कर मुक्त कर दिया जाए.
कंपनियों ने कहा है कि अब कर लेने का क्या मतलब है, जब इसका प्रीमियम पहले चुकाया गया हो. इसलिए कंपनियां अनुशंसा करती हैं कि पेंशन/वार्षिकी आय को कर-मुक्त किया जाना चाहिये.
हैल्थ पॉलिसी पर दे दी ये सलाह
इसी तरह धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य प्रीमियम की वर्तमान सीमा (निवारक चिकित्सा जांच लागत सहित) 25,000/-रूपए है. लेकिन कोविड ने साबित कर दिया है कि प्रीमियम की ये राशि पर्याप्त नहीं है. इसलिए इसे बढ़ाया जाए.
इसी तरह कुल प्रीमियम राशि वाले यूलिप के लिए 2.5 लाख या अधिक की परिपक्वता राशि कर-मुक्त की जानी चाहिए.
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनएससी, एनपीएस, होम लोन पर प्रिंसिपल जैसे कई निवेश विकल्पों से भरी हुई है.
इसके बावजूद कंपनियां सिफारिश करती हैं कि जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए 1.5 लाख से 2-2.5 लाख रूपए तक प्रीमियम को कर मुक्त किया जाना चाहिए. कंपनियों ने सलाह दी है कि 18% जीएसटी टर्म प्लान को महंगा बना देता है, इसलिए इसे जीरो रेटेड किया जाए.