आखिरकार टाटा मोटर्स ने देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारतीय आयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल संचालित (FCEV) बस की डिलीवरी कर ही दी. टाटा की इस हरित बस की डिलीवरी को लेकर अनेक तरह के संशय जताए जा रहे थे. हिंदुस्तान में पर्यावरण की रक्षा के लिए टाटा की ओर से बनाई ये बस पूरी तरह इको फेंडली है और लेशमात्र भी कार्बन नहीं उगलती.
पूरी तरह से डीकार्बोनाइज़ बस की डिलीवरी केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने हाथों से दी. इस मौके पर आवासन और शहरी कार्य मंत्री, रमेश्वर तेली, केंद्रीय मंत्री, पंकज जैन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सचिव, आईओसीएल चेयरमैन, आईओसीएल कार्यकारी निदेशक के साथ-साथ और टाटा मोटर्स के राजेंद्र पेटकर भी मौजूद थे.
70 किलोवॉट फ्यूल सेल स्टैक से लैस है ये बस
बस की डिलीवरी के लिए आयोजित कार्यक्रम में टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने बताया कि FCEV बस सरकारी नीतियों और टाटा मोटर्स के आर और डी प्रौद्योगिकी का परिणाम है. FCEV बस की डिलीवरी ने इंटर-सिटी ट्रांसपोर्ट में एक नए युग के आगाज के साथ ही सुरक्षित शहरी परिवहन को आसान बना दिया है. राजेंद्र पेटकर ने कहा कि टाटा मोटर्स की FCEV बसों में सबसे उन्नत तकनीक, नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है. शून्य-इमिशन फ्यूल सेल संचालित बस ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. बस 350-बार हाइड्रोजन स्टोरेज सिस्टम, 70 किलोवॉट फ्यूल सेल स्टैक, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकिंग सिस्टम और स्थिरता नियंत्रण, उच्च सुरक्षा के लिए, इंटेलिजेंट परिवहन प्रणाली, प्रदाता-मित्रशील वाहन रखरखाव और ट्रैकिंग के लिए नई पीढ़ी के टेलीमैटिक्स के साथ परिवहन का एकदम सुरक्षित साधन सिद्ध होगा.
भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी, बैटरी-इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, सीएनजी, एलएनजी, हाइड्रोजन आईसी और हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी के साथ संवादित इनोवेटिव मोबिलिटी समाधान डेजिंग की हैं।